मंगलवार, 5 मई 2009

स्वास्थ्य सम्पदा बचायें : दादी माँ के घरेलू नुस्खे -स्व. शान्ति देवी / सलिल

इस स्तम्भ के अंतर्गत पारंपरिक चिकित्सा-विधि के प्रचलित नुस्खे दिए जा रहे हैं। हमारे बुजुर्ग इन का प्रयोग कर रोगों से निजात पाते रहे हैं।


आपको ऐसे नुस्खे ज्ञात हों तो भेजें।


इनका प्रयोग आप अपने विवेक से करें, परिणाम के प्रति भी आप ही जिम्मेदार होंगे, लेखक या संपादक नहीं।


रोग: अतिसार / दस्त


सूखा आंवला १० ग्राम तथा छोटी हरड ५ ग्राम दोनों को बारीक पीस लें। सुबह-शाम दोनों को १-१ ग्राम लेकर मिला लें तथा पानी के साथ सेवन करें।


चूर्ण आँवला औ' हरड छोटी का लें फाँक।
ठंडे जल के साथ तो, दस्त न सकता झाँक॥

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सोमवार, 4 मई 2009

स्वास्थ्य सम्पदा बचायें : दादी माँ के घरेलू नुस्खे

स्वास्थ्य सम्पदा बचायें : दादी माँ के घरेलू नुस्खे

इस स्तम्भ के अंतर्गत पारंपरिक चिकित्सा-विधि के प्रचलित नुस्खे दिए जा रहे हैं। हमारे बुजुर्ग इन का प्रयोग कर रोगों से निजात पाते रहे हैं.

आपको ऐसे नुस्खे ज्ञात हों तो भेजें।

इनका प्रयोग आप अपने विवेक से करें, परिणाम के प्रति भी आप ही जिम्मेदार होंगे, लेखक या संपादक नहीं।

रोग अनेक-दवा एक

बदहज्मी, भूख न लगना, वायु गोला, तिल्ली आदि की बीमारियों में निम्न योग का प्रयोग लाभप्रद होता है। हींग १० ग्राम, नौसादर १० ग्राम, सेंधा नमक १० ग्राम लेकर ६०० ग्राम पानी में खरल कर लें। इस मिश्रण को एक शीशी में भर लें। नित्य प्रातः-संध्या २५-२५ ग्राम पीने से कष्ट घटेगा।

नौसादर सेंधा नमक, हींग ले दस-दस ग्राम।
कूट-पीस जल में मिला, पियें सुबह-ओ'-शाम॥

पाचन की बीमारियों, से मिलता आराम।
वायु अपच जैसे मिटें, इससे रोग तमाम॥

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